साहस यह है - Being Courageous in Hindi
साहसी होने का यह मतलब नहीं कि हम दूसरों से जीत गए |
साहस यह नहीं कि जब हमारा कोई उपहास का उलाहना दें तो हम उससे लड़ने लग जाए |
किसी घटना चक्र में हमारी विजय हुई , किसी को हमने घुटने टेकने में मजबूर कर दिया या अपनी इच्छा को उस से कार्यान्वित करवाने में
सफल हुए यह साहसका होना कतई नहीं है | वास्तव में अपनी इच्छा किसी दूसरे द्वारा कार्यान्वित कराने में हम सफल नहीं होते बल्कि पराजित होते हैं ,यह प्रमाण होता है कि अपनी इच्छा को स्वयं कार्यान्वित करने में हम सक्षम नहीं थे इसलिए हमें दूसरों पर आश्रित होना पड़ा | एक प्रकार से उक्त इच्छा के लिए हमने दूसरों की दासता स्वीकार करी |
साहसी होने का अर्थ होता है कि हमने अपने कार्य में आने वाली बाधा को स्वयं आगे बढ़कर रोका | साहसी होने का अर्थ यह है कि हम अपने आंतरिक युद्ध(ना कि बाहरी युद्ध में) विजयी हुए या नहीं ….हम अपने आंतरिक वृतियों से विजई हुए या नहीं | आंतरिक युद्ध जो कि हम हर दिन लड़ते हैं हर क्षण लड़ते हैं |
साहसी होने का मतलब जब आंतरिक युद्ध सामने आया तब हममें इतनी इच्छा उत्पन्न हुई कि हम उस युद्ध को करने का साहस जुटा पाए |
सरल से उदाहरण में “तब जब कड़ाके की ठंड हो तो हम स्नान करने की हिम्मत जुटा पायें !!! इंद्रिय या उस नकारात्मक शक्ति पर विजय प्राप्त कर सके , जो हमें आलस के शस्त्र से रोकने आई है तब हम क्या करें हार मान के बिस्तर में दुबक जाए या साहस करें और आलस्य से लड़ कर स्नान कर खुद को उस समय विजयी घोषित होने दे ???
साहस यह नहीं कि जब हमारा कोई उपहास का उलाहना दें तो हम उससे लड़ने लग जाए |
साहस यह है कि उन क्षणों में जब हमारी इंद्रियाँ क्रोध के औजार के साथ हमारी ऊर्जा को ….शांति को... तोड़ने आए तब हम अपने धैर्य के शस्त्र के साथ उसका सामना करें और विजय हो |
साहस यह है जब तमाम मुश्किलों के होते हुए भी हम अपने निर्धारित लक्ष्य को पूर्ण करने को तत्पर रहें | जितने भी घंटे हमने अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए निश्चित किया है ...साहस यह है... कि हम उसे पूर्ण करें |
साहस यह है कि हमअपने ऊपर काम करें स्वयं को पहले से बेहतर करने का प्रयास करते रहे |
साहस यह है कि जब रोने का पर्याप्त से भी अधिक कारण हो तब हम मुस्कुरा उठे |
इंद्रिय हर तरह से आपको उलझायेगी,लुभाएगी... आपको आगे बढ़ने से रोकेगी आपको इसकी हरकतों पर कड़ी नजर रखनी पड़ेगी |अपनी दासता से इंद्रिय आपको इतनी आसानी से मुक्त नहीं होने देगी इतना साहस दिखाना पड़ेगा कि आप ना सिर्फ इनके दासता से मुक्त हो बल्कि इस पर अपना अधिकार कर पाए इसके लिए इन शब्दों पर बार-बार चिंतन मनन करें तब तक ...जब तक यह आपके स्वभाव में ना आ जाए जब तक यह आपके अवचेतन मन में ना उतर होता जाए |
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